डैंड्रफ एक बहुत आम समस्या है, जिसमें सिर की त्वचा ज्यादा सूखकर छोटे-छोटे टुकड़ों में झड़ने लगती है।
इसके कारण बालों और कपड़ों पर सफेद परत दिखने लगती है, जो कभी-कभी शर्मिंदगी का कारण बन सकती है।
डैंड्रफ को सही स्कैल्प और बालों की देखभाल के साथ-साथ मेडिकेटेड शैंपू का इस्तेमाल करके आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
डैंड्रफ क्या है?
हमारी त्वचा नियमित रूप से पुरानी कोशिकाओं को हटाती रहती है। यह आमतौर पर दिखता नहीं क्योंकि यह बहुत कम मात्रा में होता है। लेकिन डैंड्रफ तब होता है जब स्कैल्प (सिर की त्वचा) पर त्वचा कोशिकाएं तेजी से बदलने लगती हैं। मृत त्वचा कोशिकाएं बड़ी संख्या में गिरती हैं और बालों और स्कैल्प के तेल के साथ चिपककर सफेद परत के रूप में दिखने लगती हैं।
डैंड्रफ किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह बच्चों में आम नहीं है। यह मौसम के हिसाब से बदलता है—सर्दियों में अधिक और गर्मियों में कम होता है। डैंड्रफ खतरनाक नहीं है, बाल झड़ने का कारण नहीं बनता और यह किसी को संक्रमित भी नहीं करता।
डैंड्रफ के लक्षण:
- सफेद और तैलीय परतें जो सिर की त्वचा, बालों और कपड़ों पर दिखती हैं।
- खुजली और त्वचा का झड़ना।
- भौंहों, दाढ़ी, गर्दन और कंधों पर भी परतें हो सकती हैं।
डैंड्रफ के कारण:
डैंड्रफ का मुख्य कारण त्वचा कोशिकाओं की तेज़ी से वृद्धि है, जिसका सटीक कारण अब तक ज्ञात नहीं है। माना जाता है कि यह स्कैल्प पर मौजूद एक छोटे फंगस (खमीर) की अत्यधिक वृद्धि से जुड़ा है। यह फंगस सामान्यतः हानिरहित होता है लेकिन कभी-कभी बढ़कर त्वचा को परेशान कर सकता है।
डैंड्रफ को बढ़ावा देने वाले कारण:
- हार्मोनल बदलाव।
- तैलीय बाल और स्कैल्प।
- बालों को कम धोना या गलत उत्पादों का उपयोग।
- तनाव।
- एलर्जी या संवेदनशीलता।
- कुछ बीमारियाँ और कमजोर इम्यून सिस्टम।
डैंड्रफ से बचने के लिए सुझाव:
- बाल नियमित धोएं: तैलीय स्कैल्प होने पर रोज़ाना हल्के शैंपू का उपयोग करें।
- स्कैल्प मॉइस्चराइज करें: ड्राई स्कैल्प के लिए कंडीशनर का उपयोग करें।
- हेयर स्टाइलिंग प्रोडक्ट्स से बचें: ज्यादा तेलीयता और एल्कोहल वाले प्रोडक्ट्स से दूर रहें।
- तनाव कम करें: योग और मेडिटेशन जैसी तकनीकों का अभ्यास करें।
- संतुलित आहार लें: फल, सब्ज़ियाँ और अनाज शामिल करें; तेल, चीनी और नमक वाली चीजों को सीमित करें।
डैंड्रफ या कोई और समस्या?
फ्लेकिंग स्कैल्प हमेशा डैंड्रफ का कारण नहीं होता। यह अन्य त्वचा समस्याओं का संकेत भी हो सकता है, जैसे:
स्थिति | लक्षण |
---|---|
ड्राई स्किन | खुजली और सूखी परतें, जो डैंड्रफ से छोटी और कम तैलीय होती हैं। |
सेबोरिक डर्मेटाइटिस | तैलीय त्वचा पर लाल और सफेद/पीली परतें, स्कैल्प और अन्य तैलीय जगहों पर। |
सोरायसिस | मोटी, सिल्वर रंग की परतें जो स्कैल्प और शरीर के अन्य हिस्सों पर बनती हैं। |
फंगल संक्रमण | स्कैलिंग और बाल झड़ने वाले पैच। |
क्रेडल कैप | नवजात शिशुओं के सिर पर पीली परतें। |
डैंड्रफ का इलाज और रोकथाम:
डैंड्रफ का इलाज विशेष बालों की देखभाल से किया जा सकता है। यह इलाज में कुछ सप्ताह का समय भी ले सकता है।
शैंपू का उपयोग:
- हल्का शैंपू रोज़ाना इस्तेमाल करें।
- एंटी-डैंड्रफ शैंपू का सही तरीके से इस्तेमाल करें।
- जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से पोटेंट एंटी-डैंड्रफ शैंपू की सलाह लें।
खुद की देखभाल:
- व्यायाम के बाद बाल धोएं।
- हेयर जैल और स्प्रे का इस्तेमाल कम करें।
- तनाव से बचें।
- बालों और स्कैल्प की सफाई पर ध्यान दें।
डैंड्रफ एक आम समस्या है, लेकिन सही देखभाल और इलाज से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।
डैंड्रफ से जुड़े मिथक और सच्चाई:
डैंड्रफ को लेकर कई गलतफहमियां (मिथक) हैं। आइए जानते हैं इन मिथकों की सच्चाई और इसे नियंत्रित करने के सही तरीके।
मिथक 1:
डैंड्रफ तैलीय भोजन से बढ़ता है।
सच्चाई:
तैलीय या जंक फूड खाने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है, लेकिन इससे डैंड्रफ या पिंपल्स नहीं बढ़ते। डैंड्रफ आमतौर पर सर्दियों में, तनाव के दौरान, फंगल या बैक्टीरियल संक्रमण, त्वचा की बीमारियों (जैसे सोरायसिस) या कमजोर इम्यून सिस्टम (जैसे HIV संक्रमण) में बढ़ सकता है।
मिथक 2:
डैंड्रफ होने पर बालों में तेल नहीं लगाना चाहिए।
सच्चाई:
सिर को बहुत ज्यादा सूखा रखने और सिर्फ एंटी-डैंड्रफ शैंपू के इस्तेमाल से स्कैल्प में सूजन और तेल ग्रंथियों की ज्यादा सक्रियता हो सकती है, जिससे फ्लेक्स बढ़ जाते हैं। हफ्ते में एक बार तेल लगाना, या डॉक्टर की सलाह के अनुसार तेल और कंडीशनर का इस्तेमाल करना, डैंड्रफ को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
मिथक 3:
डैंड्रफ बाल सफेद (ग्रे) कर देता है।
सच्चाई:
लंबे समय तक अत्यधिक डैंड्रफ रहने से बालों के झड़ने की समस्या हो सकती है, लेकिन इसका बालों के समय से पहले सफेद होने से कोई संबंध नहीं है।
मिथक 4:
टीनएज में डैंड्रफ चेहरे पर पिंपल्स (मुंहासे) का कारण बनता है।
सच्चाई:
डैंड्रफ और पिंपल्स दोनों तेल ग्रंथियों की गड़बड़ी का परिणाम हो सकते हैं, लेकिन ये एक-दूसरे के कारण नहीं होते। डैंड्रफ सिर की त्वचा पर तेल ग्रंथियों की समस्या से होता है, जबकि पिंपल्स चेहरे की त्वचा पर तेल ग्रंथियों की गड़बड़ी के कारण होते हैं।
मिथक 5:
डैंड्रफ दूसरों में फैल सकता है।
सच्चाई:
डैंड्रफ आमतौर पर एक सूजन की स्थिति है और यह संक्रामक (छूत की बीमारी) नहीं है। हालांकि, कभी-कभी यह एक सामान्य फंगस (पिटीरोस्पोरम) से जुड़ा हो सकता है, जो सभी मनुष्यों की त्वचा पर पाया जाता है।
मिथक 6:
डैंड्रफ खून की अशुद्धि का संकेत है।
सच्चाई:
डैंड्रफ का खून की अशुद्धि या कमी से कोई संबंध नहीं है। यह सिर की त्वचा की एक स्थानीय समस्या है, जो अधिकतर टीनएज में होती है।
डॉक्टर से कब सलाह लें?
- स्कैल्प लाल, दर्दनाक या खून निकल रहा हो।
- बाल झड़ने के पैच दिखें।
- सामान्य एंटी-डैंड्रफ शैंपू से आराम न मिले।